नौमी तिथि मधु मास पुनीता।
सुकल पक्ष अभिजीत हरिप्रीता।।
मध्यदिवस अति सीत न घामा।
पावन काल लोक विश्रामा।।
चैत्र माह की नवमी तिथि को जब ना ज्यादा सर्दी होती है और ना ही ज्यादा गर्मी होती है, ऐसे सुंदर समय में दिन के मध्य काल (दोपहर) में भगवान का जन्म हुआ। भगवान राम का जन्म पृथ्वी को राक्षसों के अत्याचार से मुक्त कराने के लिए हुआ था। ये त्रेतायुग का समय था। भगवान विष्णु के राम अवतार के साथ ही साथ, शेषनाग का लक्ष्मण के रूप में, शंख एवं सुदर्शन चक्र का अवतार क्रमशः भरत व शत्रुघ्न के रूप में हुआ था। ये चारों भाइयों का जन्म एक ही दिन हुआ था। राम नवमी का पर्व भारत के समस्त प्रांतों के साथ साथ अन्य कई देशों में भी मनाया जाता है।
ShareRavi Jindal
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