" क्या बात है टिया तुम आजकल मुझसे बात भी नही करती.. " जोया गुस्से होते हुए बोली!
" यार आजकल मेरा कुछ करने का मन नही करता.. "
" पर ऐसा क्यो टिया अपन तो फ्रेंड हैं ना फ्रेंड को सब बताते हैं " जोया ने कहा!
" जोया वो रवि अंकल है ना वो मुझे अच्छे नही लगते.. "
" पर क्यो टिया वो तो तेरे लिए चॉकलेट भी लाते है.. "
" हाँ पर वो मुझे गोद मे ले ऐसे ऐसे टच करते है मेरी किस्सी लेते है जो मुझे अच्छा नही लगता.. " टिया ने अपने निजी अंगों की तरफ इशारा किया!
" ओह माय गोड टिया ये तो बैड टच होता है.. तूने आंटी को नही बताया "
" मम्मा मेरी सुनती कहाँ है वो तो खुद मुझे बोलती रवि अंकल बुला रहे जाओ देखो कितना प्यार करते तुम्हें... " टिया रो पड़ी!
तभी ब्रेक खत्म हो गया और सभी बच्चे वापिस आ गए कक्षा मे...
टिया और जोया एक ही स्कूल मे एक कक्षा मे है उनका घर भी पास पास है इसलिए जोया टिया के रवि अंकल को भी जानती है जो उसकी मम्मी के दोस्त हैं...टिया और जोया की मम्मी भी दोस्त थी
" जोया आज लंच क्यों नही खाया... " जोया की माँ रागिनी ने पूछा.
" मम्मा आपको पता है टिया के रवि अंकल उसको बैड टच करते है.. " जोया ने माँ को बताया.
" क्या कह रही हो तुम्हें किसने बताया.. " रागिनी ने पूछा.
" टिया ने.. इसीलिए हमने लन्च भी नही किया वो परेशान थी और हम बातों मे लगे रहे और लन्च ओवर् हो गया "
" पर बेटा उसने शीतल ( टिया की मम्मी) को क्यों नही बताया "
" मम्मा उसकी मम्मा सुनती नही उसकी बात... वो बहुत रो रही थी स्कूल मे.. उसे रोता देख मुझे भी रोना आ गया " जोया सच मे रोने लगी!
" रोते नही बेटा मैं टिया की मम्मा से बात करूँगी आज ही तुम पहले खाना खाओ चलो " रागिनी ने जोया को गले लगा कर कहा!
" हेल्लो.. शीतल .. थोड़ी देर को तुम मेरे घर आ सकती हो बहुत जरूरी बात करनी है.... " रागिनी ने शीतल को फोन कर मिलने बुलाया !
" ठीक है रागिनी मैं 5 बजे के बाद आती हूँ तुम्हारे घर ! " शीतल ने कहा.
" कैसी हो शीतल टिया कैसी है... " टिया और जोया को दूसरे कमरे मे भेज रागिनी ने पूछा.
" बाकी सब तो ठीक है बस टिया का स्वभाव अजीब हो गया इन दिनों बात नही करती किसी से ज्यादा... खाती नही ठीक से... " शीतल ने कहा.
" इसकी वजह ? "
" मेरे हिसाब से दूध के दांत गिर दूसरे दांत आरहे इसलिए "
" नही शीतल तुम्हारी बेटी का शारिरिक शोषण हो रहा . वो भी उसके घर मे ही जिससे वो नन्ही बच्ची मानसिक दबाव से गुजर रही.. " रागिनी ने दुखी आवाज़ मे कहा.
" क्या..... क्या मतलब तुम्हारा..ऐसा कैसे हो सकता.. तुम्हें कैसे पता.... कौन है वो ? " शीतल चौक कर खड़ी हो गई और एक साथ सवाल कर डाले.
तब रागिनी ने उसे टिया की बताई सारी बात बताई...
पर शीतल को विश्वास नही था क्योंकि रवि उसके बचपन का दोस्त था...
तब रागिनी ने कहा तुम खुद देख सकती हो चौकनी होकर...
शीतल टिया को ले घर आ गई... तभी रवि उसके घर आया.. और टिया को गोद मे उठा लिया.
टिया उसकी गोद मे असहज थी शीतल ने साफ महसूस किया..
फिर भी वो चुप रही क्योंकि उसे सच जानना था टिया के पापा को वो फोन पर बता ही चुकी थी रागिनी के घर से निकलते...
" रवि तुम बैठो मैं कॉफी लाती हूँ " खुद पर काबू पाते हुए शीतल ने कहा.
" ठीक है शीतल तब तक हम टिया बिटिया को चॉकलेट देते है.. " रवि ने जेब मे हाथ डालते हुए कहा.
शीतल कमरे से बाहर जा छुप कर सब देखने लगी और फोन मे वीडियो बनाने लगी टिया को रवि ने गोद मे बिठा लिया और उसके कोमल अंग मसलने लगा..
टिया कसमसा रही थी उसकी गोद से उतरने को पर रवि की गिरफ्त मजबूत थी..
अचानक शीतल ने आके एक झटके से टिया को खींचा और रवि के जोर से थप्पड़ मारा.
" तुम्हारी इतनी हिम्मत मेरी बेटी के साथ ये हरकत करने की.. " शीतल चिल्ला के बोली.
मासूम टिया माँ के पीछे छिप गई.
" शीतल क्या हुआ मैं तो बच्ची को प्यार कर रहा था.. हेना टिया बेटा... " रवि बोला.
" नाम मत लो मेरी बच्ची का अपनी गंदी जुबान से " टिया के पापा ने कमरे मे आते हुए बोला.
शीतल गुस्से से काँप रही थी.
"ऋषभ (टिया के पापा) मेरी बात तो सुनो शीतल को जरूर कोई गलत फहमी हुई है..
" चटाक रवि का वाक्य पूरा होने से पहले ऋषभ का थप्पड़ गाल पर पड़ा.
तभी वहाँ पोलिस आई( जिसे ऋषभ ने फोन कर दिया था ) और रवि को पकड़ लिया..
टिया ने खुद सबके सामने उसकी हरकते बताई... बाकी वीडियो थी ही...
पोलिस रवि को ले चली गई..
शीतल ने टिया से माफ़ी मांगी और निश्चय किया की अपनी बेटी को लेआज के बाद ऐसे किसी पर भरोसा नही करूँगी साथ साथ उसकी हर बात सुनूँगी.
"अब किसे फोन कर रही हो " टिया को गोद मे ले ऋषभ शीतल से बोला.
" रागिनी को आखिर उसके कारण आज मेरी बेटी को इस नरक से छुटकारा मिला.. " शीतल ने कहा.
जब वो फोन करके वापिस मुड़ी तो बाप बेटी को मस्ती करते खिलखिलाते पाया उसने ईश्वर को भी धन्यवाद दिया जो उसकी बेटी की हँसी छिनने से पहले वापिस आगई.
दोस्तों हमारे आपके घर भी कोई रवि तो नही इस बात का ध्यान हमे खुद रखना होगा.. वर्ना टिया की हँसी तो वापिस आगई कही...
अपने बच्चों को दोस्त बनकर पालो उनकी बातें सुनो विश्वास करो तभी तो वो सही गलत आपको बतायेंगे..
Ravi Jindal
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